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Indi - eBook Edition
Nayi Makan Ki Talash

Nayi Makan Ki Talash

Language: HINDI
Sold by: Ravi Punia

Book Details

मेरी परछाई ------------------------------------------------- मेरी परछाई मुझसे अजीब से सवाल करती है ... कहाँ गए जो मुझसे भी ज्यादा करीब थे तेरे ... मुस्कुरा के मैं इतना ही बस बोल पाता हूँ ... बस जाने दे यार , जो हुआ नसीब थे मेरे ... वो कहती है मुझसे ज्यादा तेरा कौन वफादार है ... मैं कहता हूँ मुझपे अब बस उसका ही अधिकार है ... मेरी परछाई मुझसे अजीब से सवाल करती है ... उसने कभी कहा की तुमपे उसका ही अधिकार है ??? मुस्कुरा के मैं इतना ही बस बोल पाता हूँ ... गर जुबां से बयां कर दिया तो काहे का प्यार है ... वो कहती है मैं साथ रहूंगी , मुझे दूर नहीं रहना ... मैं कहता हूँ मैं दर्द हूँ , मुझे सह सके तो सहना... मेरी परछाई मुझसे अजीब से सवाल करती है ... तू बदल गया हमदम पहले क्या था अब तू क्या है ??? मुस्कुरा के मैं इतना ही बस बोल पाता हूँ ... वो साल दूसरा था , ये साल दूसरा है ...